इन दिनों पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री का एक विडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह भारत और भारतीय विदेश नीति की प्रशंसा कर रहे हैं। वीडियो में उन्होनें जो बातें कहीं हैं, उससे साफ़ हो जाता है कि आज पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र बन चुका है। जिसके पास अब हजारों प्रकार की समस्याएं हैं, वह आर्थिक तौर पर जूझ रहा और इसके साथ ही वह इस्लामिक कट्टरपंथ के जहर से डूब गया। जो गैर इस्लामिक लोगों के लिए एक नर्क बन गया।
पाकिस्तान के पीएम के भाषण की कुछ बातें -
1. इमरान खान विडियो में कहते दिख रहें हैं कि भारत अपनी जनता के बारे में सोचता है।
2. भारत ने हमेशा अपनी एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई है। जबकि हमें 27 देश पत्र लिखकर रूस के खिलाफ़ बोलने के लिए कहते हैं। जैसे कि पाकिस्तान उनका गुलाम हों, उन्होंने यह बात यूरोपीय देशों के राजदूतों के पत्र के विषय में कही थी।
3. भारत आज अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों का सहयोगी है और वह क्वॉड में अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के साथ गठबंधन किया हुआ है। तब भी भारत खुदको तटस्थ (Neutral) बताता है।
4. रूस से भारत तेल आयात कर रहा है। जबकि उस पर प्रतिबंध लगें हुए हैं। यह भारत सिर्फ इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि भारत की विदेश नीति अपने लोगों की बेहतरी के लिए है।
भारत के लिए यह बातें दुश्मन देश पाकिस्तान के पीएम ने कहीं हैं। क्योंकि यह वहीं पीएम इमरान खान हैं, जो भारत को जरा सी बात पर परमाणु बॉम्ब की धमकी देते रहते हैं। इसी के साथ यह भारतीय सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर की जीत है। क्योंकि उन्होंने जिस तरह से यूक्रेन रूस युद्ध में अपनी लीडरशिप दिखाई है। वह प्रशंसा योग्य है, तब जब अमेरिका और पश्चिमी देशों का भारी दबाव है। तब भारत रूस के खिलाफ़ वोट देना तो छोड़ो वह रूस के खिलाफ़ कुछ बोलना भी नहीं चाहता है। भारत सिर्फ़ इतना कहता है कि यह युद्ध रुकना चाहिए और रूस यूक्रेन को आपस में बैठकर मामला हल करना चाहिए।
इसी महीने भारत में जापान के प्रधानमन्त्री फुहिमो किशिदा आए हुए थे, उन्होंने भारत के प्रधानमन्त्री के सामने ही अपनी पहली लाइन में रूस के खिलाफ़ बोलना शुरू कर दिया। लेकिन तब भी भारत जापान के दबाव में नहीं आया। किंतु क्वॉड के एक महत्वपूर्ण देश ऑस्ट्रेलिया ने भारत का रूस मामले में समर्थन किया और भारत की रणनीतिक स्थिति को पहचाना है।
इमरान खान कह रहे हैं कि भारत प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद रहा है। लेकिन इमरान खान ने बस कुछ बातें ही कहीं हैं। भारत ने अभी सिर्फ रूस को 3 मिलियन बैरल तेल ही खरीदने का अनुबंध किया। हम अभी 30 मिलियन बैरल तेल रूस से ओर खरीदेंगे। इसके अलावा भारत रूस को फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में भी सहायता करने जा रहा है। भारत ने रूस को बड़े पैमाने पर दवाओं को निर्यात करने का मन बना लिया और वह रूस में पश्चिमी देशों की कंपनियों द्वारा खाली स्थान को भरने जा रहा है। यह बात रूस ने खुद कहीं है।
भारत अपने गेहूं से दुनिया की भूख शांत करेगा
यूक्रेन और रूस गेहूं के निर्यात के मामले में राजा हैं, लेकिन अब ये दोनों देश युद्ध में व्यस्त हैं। जिससे दुनिया में गेहूं की कमी होना तय है। बहुत से अफ्रीकी देशों में लोग बड़े पैमाने पर भूखमरी का भी शिकार हो जायेंगे। लेकिन भारत अपने गेहूं से दुनिया की भूख शांत करेगा। क्योंकि भारत भी अपनी जरूरत से अधिक गेहूं का उत्पादन करता है। भारतीय गेहूं को दुनिया का कोई देश खरीदने को तैयार नहीं था। अब वहीं देश गेहूं के मामले में भारत के सामन लाइन लगा कर खड़े हैं। इनमें ईरान, मिस्र, यूएई, अफ्रीकी देश और कुछ यूरोपीय देश शामिल हैं।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि आज भारत कही आगे निकल चुका है और पाकिस्तान 1947 से भी पीछे जा चुका है। पाकिस्तान पहले भी गुलाम था और आज भी गुलाम है। कभी वह अमेरिका की गुलामी किया करता था। कभी वह सऊदी अरब और अब वह चीन की गुलामी कर रहा है। वह आईएमएफ और विश्व बैंक का भी गुलाम है।